Rajendra Babu Patron Ke Aaine Mein-1
Bestseller Book by Tara Sinha: Rajendra Babu Patron Ke Aaine Mein-1
Description:... किसी भी महान् व्यक्ति के पत्र उसके व्यक्तित्व एवं कृतित्व को जानने के सशक्त एवं मोहक माध्यम होते हैं। आम जीवन की बहुत सी बातें, जो पेशेवर इतिहासकारों द्वारा नजरअंदाज कर दी जाती हैं, पत्रों में स्थान पाकर उस युग, समाज और पीढ़ी के विषय में बहुमूल्य जानकारियाँ उपलब्ध कराती हैं। राष्ट्रीय आंदोलन के अग्रणी नेता एवं भारतीय गणतंत्र के प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद के पत्रों का इसी दृष्टि से विशेष महत्त्व है। सन् 1905 से 1963 तक की वह अवधि, जिसके बीच लिखे गए पत्रों को कालक्रमानुसार इस संग्रह के दो खंडों में प्रस्तुत किया गया है, राजेंद्र बाबू के घटनापूर्ण जीवन एवं देश के इतिहास का एक महत्त्वपूर्ण युग था। स्वाभाविक है कि ये पत्र न केवल उस युग-पुरुष के लब्धप्रतिष्ठ जीवन के छह दशकों की रोचक कहानी कहते हैं, बल्कि इनमें उस पूरे उथल-पुथल भरे युग का व्यापक व विशद चित्र उभरकर सामने आता है। यही नहीं, इन पत्रों द्वारा राजेंद्र बाबू के जीवन एवं उस काल की कई घटनाओं पर नया प्रकाश पड़ता है और उनके विराट् व्यक्तित्व के अनेक अनजाने पहलू उजागर होते हैं।
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